ओआरसी में बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया दीपावली का पावन पर्व
ज्ञान के दीपक से अज्ञान अंधकार समाप्त करना ही सच्ची दीपावली मनाना
श्रेष्ठ विश्व की रचना के लिए वैचारिक, सैद्धान्तिक, राजनीतिक एवं धार्मिक एकता जरूरी
४ नवम्बर २०१८, गुरूग्राम
ब्रह्माकुमारीज़ के भोड़ाकलां स्थित ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर में दीपों का उत्सव दीपावली का पावन पर्व बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गीत, कविता, नृत्य एवं नाटक के द्वारा दीपावली की खुशियां प्रकट की गई। काफी संख्या में दिल्ली एवं आस-पास से आए लोगों ने दीप प्रज्ज्वलित कर एक दूसरे को बधाई दी।
ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने अपने हृदय उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि दीपावली वास्तव में ज्ञान के द्वारा आत्मिक ज्योति जगने की निशानी है। जिस प्रकार दीपक जगने से अंधकार समाप्त हो जाता है, ठीक उसी प्रकार ज्ञान के दीपक से अज्ञान का अंधेरा भी समाप्त हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस दिवाली पर प्रतिज्ञा करें कि हम सदा ही सबके प्रति शुभ भावनाएं एवं शुभ कामनाएं बनाएं रखेंगें।
ब्रह्माकुमारीज़ के अतिरिक्त सचिव बी.के. बृजमोहन ने कहा कि जब बाहर की स्वच्छता के साथ-साथ हम आन्तरिक स्वच्छता पर भी ध्यान देंगे तभी सच्ची दिवाली मनेगी। उन्होंने कहा कि असली दीपक तो हमें अपने मन में प्रकाशित करने है। अपने मन को ज्ञान से इतना प्रकाशित करें कि इससे घृणा, नफरत, ईष्र्या, द्वैष और वैमनुष्यता जैसे दुर्गुण सदा के लिए दूर भाग जाएं। उन्होंने कहा कि दिवाली वास्तव में सतयुग का यादगार है। सतयुग में एक धर्म, एक राज्य, एक भाषा और एकमत था। विश्व में प्रेम, शान्ति और खुशी तभी हो सकती है जब सभी में वैचारिक, सैद्धान्तिक, राजनीतिक और धार्मिक एकता हो। अब वही समय है,जब हमें जीवन में नैतिक और आध्यात्मिक मुल्यों को समावेशित कर श्रेष्ठ विश्व की रचना करनी है।
इस पावन अवसर पर बी.के. चक्रधारी, बी.के. सुन्दरी, बी.के. पुष्पा, बी.के. जय प्रकाश एवं बी.के. विजय ने भी अपने विचार रखे तथा सभी को दीपावली की शुभ कामनाएं दी। इस विशेष अवसर पर सभी ने विश्व शान्ति के लिए राजयोग का गहन अभ्यास किया।