उड़ीसा के राज्यपाल प्रो.गणेशीलाल जी ने हरी झण्डी दिखाकर, महिला अभियान का किया शुभारंभ
आध्यात्मिकता ही सुख-शांति का आधार – प्रो. गणेशीलाल जी
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के भोड़ाकला स्थित ओमशान्ति रिट्रीट सेंटर में ‘समाज परिवर्तन का आधार – महिला’ विषय पर संस्था के महिला प्रभाग द्वारा महिला अभियान की शुरूआत हुई। अभियान का शुभारंभ उड़ीसा के राज्यपाल महामहिम प्रो.गणशीलाल जी द्वारा हरी झण्डी दिखाकर हुआ। शांति एवं खुशी का आधार आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि विषय पर बोलते हुए प्रो. गणेशीलाल जी ने कहा कि आध्यात्मिकता ही वास्तव में सुख-शांति की जननी है। उन्होंने कहा कि दुनिया में सबसे बड़ी बीमारी स्वयं की पहचान न होना है और इसी से सारे झगड़े उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि स्वयं की वास्तविक पहचान ही मानव को शांति एवं खुशी का अनुभव करा सकती है। उन्होंने कहा कि सामाजिक उत्थान के लिए नारी सशक्तिकरण ज़रूरी है। महिलाओं में वो शक्ति है जो अंसभव को भी संभव कर सकती है। उन्होंने कहा कि विचारों की पराकाष्ठा से पदार्थ का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि ये मेरा परम सौभाग्य है जो ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित इस प्रकार के अभियान में सम्मिलित हुआ। उन्होंने कहा कि हम ब्रह्म को परिभाषित तो कर सकते हैं लेकिन बेटियों को नहीं। क्योंकि बेटियां पैदा नहीं होती, वो तो अवतरित होती हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय बेटियों के साथ अपराध करने वाले लोगों को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
संस्था के अतिरिक्त सचिव बी.के.बृजमोहन जी ने कहा कि महिलाओं को शक्तिशाली बनाने के लिए उन्हें मानसिक रूप से सशक्त करने की आवश्यकता है। आध्यात्मिकता के द्वारा ही महिलाओं में आत्मिक शक्ति को जागृत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि एक स्वस्थ समाज के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है।
संस्था के महिला प्रभाग की अध्यक्षा बी.के.चक्रधारी ने अपने संबोधन में प्रभाग के द्वारा की जा रही सेवाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य महिलाओं में आत्म-शक्ति को जागृत करना है। महिलाओं के खोए सम्मान को दोबारा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना है। साथ ही उन्हें श्रेष्ठ संस्कृति की पहचान दिलाकर, सामाजिक मूल्यों का समग्र विकास करना है।
ओ.आर.सी की निदेशिका आशा दीदी ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि संस्था महिलाओं को पुन: उनके उसी श्रेष्ठ और सर्वोच्च सम्मानीय स्तर पर ले जाने का कार्य कर रही है। सिरसा से पधारी बी.के. बिन्दु ने राजयोग के अभ्यास द्वारा सबको शांति की गहन अनुभूति कराई।