प्रेस विज्ञप्ति
बड़ी धूमधाम से मनाया गया ओआरसी का १८वां वार्षिकोत्सव
बह्माकुमारीज़ ला रही है लोगों के विचारों में शुद्धता – मधु आचार्य
ब्रह्माकुमारीज़ कर रही है विश्व परिवर्तन का श्रेष्ठ कार्य – ऋषिपाल
आत्मिक अनुभूति से ही होगा शान्ति का संचार- दादी रतन मोहिनी
संस्कार परिवर्तन से ही होगा संसार परिवर्तन- बी. के. शिवानी
९ दिसंबर २०१८, गुरूग्राम
ब्रह्माकुमारीज के ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर ने आध्यात्मिक ऊर्जा की तंरगों को सारे विश्व में फैलाते हुए आज अपने १८ वेंं वर्ष में प्रवेश किया। ओआरसी का १८वां वार्षिकोत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया। इस अवसर पर १८ फिट लम्बा केक काटकर ओआरसी का जन्म-दिवस मनाया गया। गीत, नृत्य और कविता के द्वारा सभी ने खुशियां प्रकट की। ओआरसी की १८ विशेताओं को बहुत ही सुंदर फूलों के माध्यम से व्यक्त किया गया। कुदरत की गोद में जो बसता गुलिश्ता प्यारा, वो आशियां हमारा, ओआरसी हमारा गीत पर मार्मिक प्रस्तुति ने सबको भाव-विभोर कर दिया।
कार्यक्रम में मुख्य अथिति के रूप में बोलते हुए गुरूग्राम की मेयर मधु आचार्य ने कहा कि संस्था लोगों के अंदर शुद्ध एवं श्रेष्ठ विचारों का संचार कर मन को श1ितशाली बनाने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि मन की शुद्धि ही हमारे व्यवहार को श्रेष्ठ और आदर्श बनाती है। उन्होंने लोगों से अपील की कि ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा बताई जा रही शिक्षाओं को जीवन में अपनाएं। जीवन जितना आध्यात्मिक और नैतिक मूल्यों से संपन्न होगा, उतना ही समस्याओं से घबराने के बजाए हम निडर होकर उनका सामना करेेंगे।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त ऋषिपाल ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था वास्तव में विश्व परिवर्तन का श्रेष्ठ कार्य कर रही है। और उसमें भी विशेष राजधानी दिल्ली के समीप बना ये सुन्दर परिसर अपने आध्यात्मिक प्रकम्पनों से चारों ओर एक श1ितशाली वातावरण निर्मित कर रहा है। उन्होंने कहा कि मैं जब भी परिसर में आता हूँ तो मुझे यहाँ पर सभी के चेहरों से अलौकिकता, सौम्यता और शालीनता की झलक अनुभव होती है। जिसे में शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकता।
इस अवसर पर विशेष रूप से माउन्ट आबू से पधारी संस्था की संयुक्त प्रशासिका दादी रतनमोहिनी ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि शान्ति की अनुभूति के लिए हमें स्वयं के वास्तविक स्वरूप को जानने की आवश्कता है। उन्होंने कहा कि पवित्रता हमारा निज़ी गुण है। जितना हम अपने शुद्ध स्वरूप में स्थित होते हैं, उतना ही शान्ति की अनुभूति सहज ही होती है।
इस अवसर पर बी.के. शिवानी ने अपने प्रेरक वक्तव्य से संबोधित करते हुए कहा कि हमें गुणों का स्वरूप बनकर दूसरों को प्रेरणा देनी है। उन्होंने कहा कि हमें सिर्फ स्वयं के जीवन को ही सुन्दर नहीं बनाना बल्कि सारे विश्व को सुन्दर बनाना है। उन्होंने कहा कि जब हमारे संस्कारों में परिवर्तन आयेगा तब ही विश्व परिवर्तन होगा।
ओआरसी की निदेशिका आशा दीदी ने सेन्टर के द्वारा की जा रही सेवाओं की जानकारी देते हुए कहा कि ओआरसी में सरकार की तरफ से भी अधिकारियों के लिए अनेक मैनेजमेंट के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
संस्था के अतिरिक्त महासचिव बी.के. बृजमोहन ने कहा कि ब्रह्माकुमारीज़ का असली उद्देश्य श्रेष्ठ समाज की पुन: स्थापना करना है। उन्होंने कहा कि यही भारत पहले स्वर्ग कहलाता था। जहाँ देवताएं निवास करते थे। लेकिन आज उन दैवी मूल्यों का ह्रास होने के कारण कलियुग बन गया है। फिर से उन्हीं मूल्यों की जागृति से सारे विश्व को सतयुग व स्वर्ग बनाना है।
इस अवसर पर संस्था के कई अन्य वरिष्ठ भाई-बहनों ने भी अपनी शुभ-कामनाएं व्यक्त की। कार्यक्रम में ५००० से भी अधिक लोगों ने शिरकत की।
Delhi – 18th Annual Day Celebration of ORC- बड़ी धूमधाम से मनाया गया ओआरसी का १८वां वार्षिकोत्सव
