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Delhi – Brahma Baba’s 50th Smriti Divas Program at Om Shanti Retreat Centre (ORC)

प्रेस विज्ञप्ति
बड़ी श्रद्धा भावना के साथ मनाई ब्रह्माबाबा की ५० वीं पुण्यतिथि
मानवता के शिखर पुरूष हैं ब्रह्माबाबा – विजय दीदी
१८ जनवरी २०१९, गुरूग्राम 
 
ब्रह्माकुमारीज़ के ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर में मानवता के शिखर पुरूष ब्रह्माबाबा की ५० वीं पुण्यतिथि बहुत ही श्रद्धा और भावना के साथ मनाई गई। ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संस्थापक प्रजापिता ब्रह्मा अपने लौकिक जीवन में दादा लखीराज के नाम से एक प्रसिद्ध हीरे-जवाहरातों के व्यापारी थे। दादा के जीवन में बचपन से ही भक्ति से संस्कार भरे हुए थे। दादा के अन्दर सदैव मातृशक्ति को आगे बढ़ाने की शुभ इच्छा रहती थी। इसलिए जब उन्होंने संस्था की स्थापना की तो माताओं को आगे रख उनको संस्था के नैतृत्व की बागडोर सौंपी। ईश्वरीय कार्य के निमित्त बनने के कारण उनका अलौकिक नाम प्रजापिता ब्रह्मा पड़ा। ब्रह्माबाबा का विशेष गुण था कि वो निंदा करने वाले को भी अपना सच्चा मि0त्र समझते थे। 
 
इस विशेष अवसर पर ब्रह्माबाबा की विशेषताओं का वर्णन करते हुए ओ.आर.सी. की वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका विजय दीदी ने कहा कि बाबा त्याग-तपस्या एवं सेवा की एक साक्षात् प्रतिमूर्ति थे। उन्होंने कहा कि ९३ वर्ष की आयु में भी बाबा जमीन पर सीधे बैठकर तपस्या करते थे। जीवन के आखिरी पलों तक भी बाबा ने बिना चस्मा पहने ही लिखने और पढऩे का कार्य किया। उन्होंने कहा कि बाबा का जीवन हम सबके लिए एक आईना है जिसमें हम स्वयं की कमियों को देख सकते हैं। बाबा के जीवन के अनेक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि कैसी भी परिस्थिति रही हो, बाबा सदा निश्चिंत रहे। उनको परमात्मा पर पूरा भरोसा था कि जो भी होगा उसमें कल्याण ही समाया हुआ है। वर्तमान समय ब्रह्मा बाबा को अपना आदर्श मानते हुए विश्व में लाखों की सँख्या में लोग उनका अनुशरण कर रहे हैं। 

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